हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "सवाब अलआमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم
مَنْ صَافَحَ امْرَأَةً حَرَاماً جَاءَ يَوْمَ الْقِيَامَةِ مَغْلُولًا ثُمَّ يُؤْمَرُ بِهِ إِلَى النَّارِ وَ مَنْ فَاكَهَ امْرَأَةً لَا يَمْلِكُهَا حُبِسَ بِكُلِّ كَلِمَةٍ كَلَّمَهَا فِي الدُّنْيَا أَلْفَ عَامٍ فِي النَّارِ.
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जो आदमी किसी ना महरम औरत से हाथ मिलाएगा तो इसे कयामत के दिन जंज़ीर में बांधकर लाया जाएगा और फिर इसे जहन्नुम की तरफ खींच कर ले जाया जाएगा और जो ज़रूरत के बगैर किसी ना महरम से बात करेंगा,तो इसे दुनिया में ना महरम से की जाने वाली हर बात के बदले आखिरत में एक हज़ार साल तक जहन्नुम में रखा जाएगा,
सवाब अलआमाल,पेंज 334